
बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अपना प्राणनाथ बनाने वाली शिवरंजनी तिवारी छतरपुर पहुंचकर कहीं बड़ी बात
शिवरंजनी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से शादी की बात से मुकर गए वह का कहना है कि उनका हुई शादी का संकल्प नहीं रहा उनका कहना है कि मेरा संकल्प है वह सामने आया ही नहीं है उनका पर्चा खुला ही नहीं
उनका कहना है कि उसको ने उनकी यात्रा को शादी से जोड़ दिया मेरा ऐसा कोई संकल्प नहीं था
आपको बता दें 20 साल की शिवरजनी गंगोत्री से पैदल कलश यात्रा लेकर मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम पहुंच इस पूरी यात्रा में उन्होंने 1300 किलोमीटर का सफर पूरा किया उनकी इस यात्रा के दौरान बहुत सारे लोग उनकी यात्रा में शामिल रहे शिवरंजनी पैदल कलश यात्रा और भीषण पर ही गर्मी के कारण उनका स्वास्थ्य भी बिगड़ गया था
मेरा ना पर्चा खुला और ना ही संकल्प के बारे में पता चला
बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से शादी करने वाली बात से पलटते हुए शिवरंजनी ने ने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि मेरा शादी का संकल्प है ना मेरा पर्चा खुला और ना मेरे संकल्प के बारे में पता चला शिवरंजनी ने कहा कि मेरा संकल्प था कि मैं पूजा बालाजी के दर्शन करूं उनका कहना है कि वह कैंसर की डॉक्टर बनना चाहती है उन्होंने बालाजी से इस फील्ड में सक्सेस के लिए अर्जी भी लगाई है
उन्होंने कहा कि मेरी बस यही कामना थी शादी की मेरी कोई कामना नहीं थी लोगों ने बेवजह ही शादी के विषय से इस यात्रा को जोड़ दिया था
भगवा वस्त्र पर शिवरंजनी ने क्या कहा
शंकराचार्य ज्योतिष पीठ के मीडिया प्रभारी डॉ शैलेंद्र योगीराज सरकार ने शिवराज नी से भगवा वस्त्र धारण किए जाने को लेकर सवाल खड़ा किया था उन्होंने कहा था भगवा वस्त्र त्याग का प्रतीक है भगवा वस्त्र पहनकर प्राणनाथ को प्राप्त करने विवाह का संकल्प लेकर चलना सनातन धर्म की हानि है उन्होंने आगे कहा वह(शिवरंजनी) सनातन धर्म को क्षति पहुंचा रही है
किस बात पर उनके द्वारा बात की गई तो कहां की उन्हें भगवा पहनना पसंद है भगवा पहनने से कोई साधु संत नहीं हो जाता यह तो भगवान श्रीराम ने भी पहने थे
5 दिन के अज्ञातवास पर है धीरेंद्र शास्त्री
शिवरंजनी को छतरपुर 16 जून को आना था लेकिन वे 14 जून को ही पहुंच गई थी. शिवरंजनी के आने के अगले दिन 15 जून को पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 5 दिन के अज्ञातवास पर चले गए 5 दिन की अज्ञातवास के बाद उनकी कथा भोपाल में है भोपाल में कथा समाप्त होने के पंडित धीरेंद्र शास्त्री बाद 24 जून को वापस बागेश्वर धाम पहुंचेंगे
शिवरंजनी की मां साइंटिस्ट और पिता इंजीनियर
शिवरंजनी का परिवार मूल रूप से मध्य प्रदेश के सिवनी जिले का रहने वाला है लेकिन 25 वर्ष पहले परिवार हरिद्वार में शिफ्ट हो गया शिवरंजनी ने कहा कि उनके पिता इंजीनियर और मां साइंटिस्ट है उन्होंने कहा मेरा एमबीबीएस अभी कंप्लीट नहीं हुआ और फैमिली की डिटेल वह सीक्रेट रखना चाहती है