बजरंग बाण परिचय
bajrang baan हिंदू धर्म के एक मंत्र है जो हनुमान जी की उपासना के लिए प्रयोग किया जाता है। इस मंत्र का नाम “बाण” इसलिए है कि यह बजरंगबली की शक्ति को उग्र करने वाला होता है। यह मंत्र दुःखों और संकटों से बचाव के लिए प्रयोग किया जाता है। बजरंग बाण के लिरिक्स का अर्थ हिंदी में भी उपलब्ध है। इस मंत्र को नियमित रूप से जप करने से व्यक्ति की जीवन में आने वाली बाधाओं एवं कष्टों से मुक्ति मिलती है।
Bajrang Baan की उत्पत्ति और महत्व
बजरंग बाण की उत्पत्ति के बारे में कोई निश्चित जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसे हनुमान चालीसा और हनुमान जी की कुछ अन्य उपासना मंत्रों के साथ जोड़कर प्रयोग किया जाता है। इस मंत्र को बजरंगबली की शक्ति को उग्र करने वाला माना जाता है जो दुःखों एवं संकटों से बचाव देती है। इस मंत्र को नियमित रूप से जप करने से बुरी नजर से बचाव, व्यापार में सफलता, रोगों से मुक्ति आदि की प्राप्ति होती है। इस मंत्र के जप से मन की शांति भी मिलती है और यह आत्मविश्वास को बढ़ाता है।

Bajrang Baan Ka Paath
Bajrang Baan Ka Paath के लिए आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
- प्रारंभ में, ध्यान लगाकर और मन को शुद्ध करके बजरंग बली का ध्यान करें।
- फिर, अपने आसपास के माहौल को शांत करें और बजरंग बाण का पाठ करने के लिए बैठ जाएं।
- संगीत की मदद से बजरंग बाण का पाठ करना बेहतर होता है। अगर आपके पास संगीत का साथ नहीं है, तो आप सामान्य रूप से चापाई या फिर साक्षात्कार में उच्च ध्वनि में बजरंग बाण का पाठ कर सकते हैं।
- पाठ के अंत में, धन्यवाद करें और बजरंग बली से अपनी सभी मनोकामनाएं मांगें।
बजरंग बाण का पाठ करने से पूर्व आप उसकी व्याख्या और अर्थ को समझ लें ताकि आपके मन में शुद्धता और संतुलन की भावना आए।
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bajrang baan in hindi
॥ दोहा ॥
निश्चय प्रेम प्रतीत ते, विनय करें सनमान ।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥
॥ चौपाई ॥
जय हनुमंत संत हितकारी ।
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥०१॥
जन के काज विलम्ब न कीजै ।
आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥०२॥
जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा ।
सुरसा बद पैठि विस्तारा ॥०३॥
आगे जाई लंकिनी रोका ।
मारेहु लात गई सुर लोका ॥०४॥
जाय विभीषण को सुख दीन्हा ।
सीता निरखि परम पद लीन्हा ॥०५॥
बाग उजारी सिंधु महं बोरा ।
अति आतुर यम कातर तोरा ॥०६॥
अक्षय कुमार मारि संहारा ।
लूम लपेट लंक को जारा ॥०७॥
लाह समान लंक जरि गई ।
जय जय धुनि सुर पुर महं भई ॥०८॥
अब विलम्ब केहि कारण स्वामी ।
कृपा करहु उर अन्तर्यामी ॥०९॥
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता ।
आतुर होय दुख हरहु निपाता ॥१०॥
जै गिरिधर जै जै सुखसागर ।
सुर समूह समरथ भटनागर ॥११॥
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले।
बैरिहिं मारू बज्र की कीले ॥१२॥
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो ।
महाराज प्रभु दास उबारो ॥१३॥
ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो ।
बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ॥१४॥
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा ।
ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा ॥१५॥
सत्य होहु हरि शपथ पाय के ।
रामदूत धरु मारु धाय के ॥१६॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा ।
दु:ख पावत जन केहि अपराधा ॥१७॥
पूजा जप तप नेम अचारा।
नहिं जानत कछु दास तुम्हारा ॥१८॥
वन उपवन, मग गिरि गृह माहीं ।
तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ॥१९॥
पांय परों कर जोरि मनावौं ।
यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ॥२०॥
जय अंजनि कुमार बलवन्ता ।
शंकर सुवन वीर हनुमंता ॥२१॥
बदन कराल काल कुल घालक ।
राम सहाय सदा प्रति पालक ॥२२॥
भूत प्रेत पिशाच निशाचर ।
अग्नि बेताल काल मारी मर ॥२३॥
इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की ।
राखु नाथ मरजाद नाम की ॥२४॥
जनकसुता हरि दास कहावौ ।
ताकी शपथ विलम्ब न लावो ॥२५॥
जय जय जय धुनि होत अकाशा ।
सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा ॥२६॥
चरण शरण कर जोरि मनावौ ।
यहि अवसर अब केहि गौहरावौं ॥२७॥
उठु उठु चलु तोहिं राम दुहाई ।
पांय परौं कर जोरि मनाई ॥२८॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता ।
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ॥२९॥
ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल ।
ॐ सं सं सहमि पराने खल दल ॥३०॥
अपने जन को तुरत उबारो ।
सुमिरत होय आनन्द हमारो ॥३१॥
यह बजरंग बाण जेहि मारै ।
ताहि कहो फिर कौन उबारै ॥३२॥
पाठ करै बजरंग बाण की ।
हनुमत रक्षा करैं प्राण की ॥३३॥
यह बजरंग बाण जो जापै ।
तेहि ते भूत प्रेत सब कांपे ॥३४॥
धूप देय अरु जपै हमेशा ।
ताके तन नहिं रहै कलेशा ॥३५॥
॥ दोहा ॥
प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान ।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान ॥
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bajrang baan FAQ’s
बजरंग बाण क्या है?
बजरंग बाण भगवान हनुमान को समर्पित हिंदू धार्मिक भजन है, जिसे बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से भक्तों को आध्यात्मिक और शारीरिक लाभ मिलने की उम्मीद की जाती है।
मैं कहाँ से बजरंग बाण के गीत के लिरिक्स हिंदी पीडीएफ फाइल डाउनलोड कर सकता हूँ?
बजरंग बाण के गीत के लिरिक्स हिंदी पीडीएफ फाइल हमारी वेबसाइट और ऑनलाइन स्टोर्स पर आसानी से उपलब्ध होते हैं जो हिंदू धार्मिक साहित्य पर केंद्रित होते हैं। आप अपने स्थानीय बुकस्टोर या धार्मिक केंद्रों से भी जांच कर सकते हैं।
बजरंग बाण को कोई भी बोल सकता है?
हाँ, बजरंग बाण को कोई भी बोल सकता है, चाहे वो उसकी उम्र, लिंग या जाति कुछ भी हो। यह एक शक्तिशाली धार्मिक स्तोत्र है जो कि उसे भक्ति और ईमानदारी से बोलने वाले के लिए फायदेमंद होता है।
बजरंग बाण को बोलते समय कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए?
बजरंग बाण को शुद्ध हृदय और मन के साथ बोलना सुझाव दिया जाता है, और इसे बोलते समय स्वच्छता और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। इसे बोलने के सही उच्चारण और रीति-रिवाजों का पालन करना भी अधिकतम फायदे प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
बजरंग बाण के बोलने के क्या फायदे हैं?
माना जाता है कि नियमित रूप से बजरंग बाण का जाप करने से हमें बाधाओं से निपटने में मदद मिलती है, डर और चिंताओं को कम करता है, नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।