1 टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान, मुम्बई (TIFR) Tata Institute of Fundamental Research, Mumbai
टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत आने वाला नाभिकीय विज्ञान और गणित का राष्ट्रीय केंद्र है।
2 प्रायलेट बायोटेक्नोलॉजी या पर्पल बायोटेक्नोलॉजी Private Biotechnology or Purple Biotechnology
प्रायलेट बायोटेक्नोलॉजी या पर्पल बायोटेक्नोलॉजी बायोटेक्नोलॉजी के प्रकाशन, आविष्कार, आईपीआर और पेटेंट से संबंधित कानून, विनियमन नैतिक और दार्शनिक समस्याओं को हल करने और चर्चा के लिए समर्पित है।
3 एंटीबॉडी Antibodies
एंटीबॉडी एक विशेष प्रकार के प्रोटीन होते हैं जो रक्त कोशिकाओं द्वारा निर्मित किए जाते हैं (WBC, Limphocytes), जो शरीर को सूक्ष्म जीवों के संक्रमण से बचाकर प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं।
वैश्वीकरण का आर्थिक प्रभाव
4 क्लोनिंग Cloning
क्लोनिंग एक ऐसी जैविक संरचना है जो एकल जनक से अलैंगिक विधि के द्वारा उत्पन्न होता है तथा इसमें उत्पन्न जीव आनुवांशिक, शारीरिक तथा मानसिक रूप से जनक के बिल्कुल समान होता है।
5 बोरलॉग पुरस्कार Borlaug Prize
यह पुरस्कार उर्वरक कंपनी कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा भारतीय वैज्ञानिकों को कृषि व पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध के लिये प्रदान किया जाता है।
6 पर्यावरण क्षरण क्या है ? What is environmental degradation?
पर्यावरण जो विभिन्न जैविक एवं अजैविक घटकों का संतुलन होता है, उसमें मानवीय क्रियाओं के द्वारा उत्पन्न असंतुलन जो पर्यावर को गंभीर क्षति पहुँचा रहा है, उसे पर्यावरण क्षति / क्षरण कहते हैं।
Mppsc Mains Paper 1 (Paper 1, Part A) इतिहास
7 वायु पर्यावरण प्रदूषण क्या है? What is Air Environment Pollution?
उत्तर: वायु में कार्बन मोओआक्साइड, अदग्ध सूक्ष्म कण, विषैली गैसे, हाइड्रोकार्बनस, आक्साइड या अन्य हानिकारक तत्वों के प्रवेश से उसका असंतुलित होना ही “वायु प्रदूषण” है।
8 सौर ऊर्जा Solar Energy
सौर ऊर्जा सूर्य से प्राप्त प्रकाशीय उष्मीय ऊर्जा है। चूंकि भारत उष्ण कटिबंधीय देश है अतः वह सौर ऊर्जा के इस्तेमाल में सबसे अनुकूल स्थिति में है।
MPPSC Mains Paper 3 Marker Question & Answer
9 भूतापीय ऊर्जा Geothermal Energy
पृथ्वी के अंदर के तापांतर और दाबांतर का उपयोग करके विद्युत विभव आधारित ऊर्जा उत्पन्न की जा रही है जैसे, तातापानी (छ.ग.) पर केंद्र सरकार ने एक विशाल विद्युत उत्पादन केंद्र स्थापित किया ।
10 द फ्यूचर वी वांट “The Future We Want”
रियो + 20 देशों के सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का महत्वपूर्ण दस्तावेज, इसमें सतत् विकास के मुद्दे शामिल ।
11 नेनो साइंस Nano Science
यह वह विज्ञान है जिसके अन्तर्गत उस परमाणु, अणु या वृहद अणु पैमाने (Macro) पर पदार्थ के परिवर्तन और प्रघटन का अध्ययन किया जाता है, जिस पर पदार्थ के गुणधर्म विस्तृत पैमाने (Large Scale) की तुलना में गंभीर रूप से बदल जाते है
12 क्रोजर Kroger
यह एक साफ्टवेयर है जिसको एक बार कम्प्यूटर में स्थापित कर देने पर जो कार्यक्रम बच्चों के मतलब के नहीं है या बच्चों के मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव डालते है वे इंटरनेट पर नहीं आएंगे।
13 मोहो असम्बद्धता Moho disambiguation
निचली क्रस्ट एवं ऊपरी मेंटल की चट्टानों के मध्य घनत्व म आये परिवर्तन के फलस्वरूप उत्पन्न असम्बद्धता मोहो असम्बद्धता कहलाती है।
Mppsc Mains Paper 2, 3 Marker Question & Answer
14 जीवाश्म ईंधन Fossil Fuels
यह प्राकृतिक ईंधन हैं, इसका निर्माण कई वर्ष पूर्व जीवों के जमीन में दब जाने पर उच्च ताप में अवसादीकरण की प्रक्रिया से हुआ, जीवाश्म ईंधन कहते है । उदाहरण – कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि
15 मेलेनाइजेशन को समझाइये । Explain melanization.
जैविक पदार्थों की अधिकता के कारण मृदा के रंग का गहरा या काला होना ‘मेलेनाइजेशन’ कहलाता है।
16 जीन क्लोनिंग के महत्व Importance of Gene Cloning
• इसकी सहायता से कोशिका, उत्तक तथा अंगों का निर्माण किया जा सकता है।
• जीन क्लोनिंग के द्वारा मानव उपयोगी प्रोटीन का निर्माण किया जा सकता है।
• क्लोनिंग से अंग प्रत्योरोपण क्षेत्र में क्रांति आएगी।
• क्लोनिंग के प्रयोग से विभिन्न औषधियों गुणों वाले पौधों को उगाया जा सकता है।
• इससे पशु नस्ल सुधारी जा सकती है।
• क्लोनिंग के प्रयोग से विलुप्त प्रजाति की वनस्पति तथा पौधों को संरक्षित किया जा सकता है।
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17 क्लोनिंग से लाभ Benefits of Cloning
• क्लोनिंग की प्रक्रिया को पौधों की वृद्धि, रोग निरोधक व रसायन-प्रतिरोधी क्षमता को उपयुक्तता प्रदान करने के लिए किया जा रहा है।
• सर्वाधिक लाभप्रदा विशेषता क्लोनिंग की यह है कि इसके द्वारा विभिन्न जलवायुविक एवं प्रतिकूल कृषि मौसम दशाओं में उत्पादकता प्रदान करने वाली पादप-प्रजातियों का विकास संभव है. जैसे मरुस्थल में जल्दी से बढ़ने वाले पादपों की किस्मों को इसके तकनीक के द्वारा तैयार करना।
• यहां तक की क्लोनिंग तकनीक को राष्ट्रीय महत्त्व वन-वृक्षों की फसल के विकास में प्रभावी माना गया है।
• क्लोनिंग की सहायता से विशेष ऊतकों व अंगों का निर्माण कर वैसी असाध्य व आनुवंशिक बीमारियों को दूर किया जा सकता है, जो परंपरागत चिकित्सकीय विधियों से ठीक नहीं हो सकतीं।
• इससे शरीर के महत्त्वपूर्ण अंगों, जैसे- हृदय, यकृत, किडनी एवं हड्डियों आदि का निर्माण संभव हो सकेगा, जिन्हें।मरीजों में प्रत्यारोपित किया जा सकेगा। शल्य चिकित्सा प्रणाली के लिये यह वरदान साबित होगी।
• आणविक क्लोनिंग के उपयोग से अनेक मानवोपयोगी प्रोटीनों, जैसे इंसुलिन आदि का निर्माण किया जा रहा है।
• कैंसर जैसी घातक बीमारियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। कैंसर के उपचार में इसका विशेष महत्त्व है क्योंकि कैंसर में कोशिकाएँ विभाजित होने लगती हैं, जिसमें कुछ कोशिकाएँ तो पुनर्रचित हो जाती हैं किंतु अन्य नहीं । क्लोनिंग के द्वारा इन कोशिकाओं की पुनर्रचना की जा सकेगी, विशेषतः हृदय व मस्तिष्क की कोशिकाओं की रचना